नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में कम उपस्थिति को लेकर अपने विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं. अभी हाल में उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन खुद उससे गैरहाजिर रहे. अब विधायक और आम अादमी पार्टी से विद्रोह कर चुके कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल की दिल्ली विधानसभा में उपस्थिति 10 फीसदी से भी कम रही है.
कपिल मिश्रा ने अब दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि केजरीवाल विधानसभा में 10 फीसदी से भी कम उपस्थित रहे हैं. हाईकोर्ट अब इस मामले में कल सुनवाई कर सकता है. कपिल मिश्रा ने अपनी याचिका में मांग की है कि हाईकोर्ट मुख्यमंत्री को विधानसभा के सभी सत्र में उपस्थित रहने के लिए दिशा निर्देश दे. इसके साथ ही वह उपराज्यपाल और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष से भी कहे कि वह मुख्यमंत्री की उपस्थिति को अनिवार्य बनाएं.
पार्टी से विद्रोह कर चुके कपिल मिश्रा का कहना है कि जब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया तो खुद सीएम उससे पूरी तरह नदारद रहे. वह सिर्फ 2 घंटे के लिए वहां आए. ये उन वोटर्स का अपमान है, जिन्होंने आपको चुना है. अगर वह विधानसभा का सत्र अटैंड नहीं कर सकते तो उनकी सैलरी काट देनी चाहिए.
इधर अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए मांग तेज कर दी है. केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में 'आप’ के वार्ड स्तरीय पदाधिकारियों एवं विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई स्वतंत्रता संघर्ष की तरह है. केजरीवाल ने कहा कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के दौरान भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था और अब आम आदमी पार्टी ‘एलजी दिल्ली छोड़ो’ अभियान शुरू करेगी.
उन्होंने कहा कि 1947 में भारत को आजादी मिली और सभी ब्रिटिश वायसराय हटा दिए गए, लेकिन दिल्ली में एलजी (उप-राज्यपाल) को वायसराय की जगह नियुक्त कर दिया गया. अपने अभियान के पहले चरण के बारे में केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ के नेता, विधायक और कार्यकर्ता 17 जून से 24 जून तक राष्ट्रीय राजधानी में 300 जगहों पर सभाएं करेंगे.
Source:-ZEENEWS
View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing
कपिल मिश्रा ने अब दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि केजरीवाल विधानसभा में 10 फीसदी से भी कम उपस्थित रहे हैं. हाईकोर्ट अब इस मामले में कल सुनवाई कर सकता है. कपिल मिश्रा ने अपनी याचिका में मांग की है कि हाईकोर्ट मुख्यमंत्री को विधानसभा के सभी सत्र में उपस्थित रहने के लिए दिशा निर्देश दे. इसके साथ ही वह उपराज्यपाल और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष से भी कहे कि वह मुख्यमंत्री की उपस्थिति को अनिवार्य बनाएं.
पार्टी से विद्रोह कर चुके कपिल मिश्रा का कहना है कि जब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया तो खुद सीएम उससे पूरी तरह नदारद रहे. वह सिर्फ 2 घंटे के लिए वहां आए. ये उन वोटर्स का अपमान है, जिन्होंने आपको चुना है. अगर वह विधानसभा का सत्र अटैंड नहीं कर सकते तो उनकी सैलरी काट देनी चाहिए.
इधर अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए मांग तेज कर दी है. केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में 'आप’ के वार्ड स्तरीय पदाधिकारियों एवं विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई स्वतंत्रता संघर्ष की तरह है. केजरीवाल ने कहा कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के दौरान भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था और अब आम आदमी पार्टी ‘एलजी दिल्ली छोड़ो’ अभियान शुरू करेगी.
उन्होंने कहा कि 1947 में भारत को आजादी मिली और सभी ब्रिटिश वायसराय हटा दिए गए, लेकिन दिल्ली में एलजी (उप-राज्यपाल) को वायसराय की जगह नियुक्त कर दिया गया. अपने अभियान के पहले चरण के बारे में केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ के नेता, विधायक और कार्यकर्ता 17 जून से 24 जून तक राष्ट्रीय राजधानी में 300 जगहों पर सभाएं करेंगे.
Source:-ZEENEWS
View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing
No comments:
Post a Comment