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Wednesday 13 June 2018

यदि PM मोदी ने वाजपेयी-आडवाणी की कद्र नहीं की, तो कांग्रेस ने नरसिंह राव और केसरी के साथ क्‍या किया?

एम्‍स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हाल-चाल जानने के लिए सबसे पहले पहुंचने वाले कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने उसके अगले 24 घंटे के भीतर मुंबई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक गुरु लालकृष्‍ण आडवाणी का सम्‍मान नहीं करते. सिर्फ इतना ही उन्‍होंने ट्वीट करते हुए कहा, ''एकलव्‍य ने अपने गुरु की मांग पर तो अपना अंगूठा काटकर दे दिया. लेकिन बीजेपी में तो वे अपने ही गुरुओं का सम्‍मान नहीं करते. वाजपेयी जी, आडवाणी जी, जसवंत सिंह जी और उनके परिवारों का निरादर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय संस्‍कृति की रक्षा का तरीका है.'' यहीं से यह बात भी निकलकर आती है कि सोनिया और राहुल गांधी के दौर में कांग्रेस ने अपने बुजुर्ग नेताओं के साथ कैसा व्‍यवहार किया है?


कांग्रेस नेता पीवी नरसिंह राव 1991-1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उनके वित्‍त मंत्री मनमोहन सिंह थे. उसी दौर में अर्थव्‍यवस्‍था के लिहाज से आजादी के बाद सबसे क्रांतिकारी कदम के रूप में 1991 में देश ने आर्थिक उदारीकरण और वैश्‍वीकरण की नीतियों को अपनाया. आर्थिक सुधारों के संबंध में लिए गए इस फैसले के संबंध में आज एक पीढ़ी से भी ज्‍यादा वक्‍त बीतने के बाद यह कहा जा सकता है कि इससे देश का भाग्‍य बदल गया. लोगों की जिंदगियों में बदलाव आया. देश तरक्‍की की राह में आगे बढ़ा. लेकिन इतने बड़े सुधारों की अगुआई करने वाले नेता नरसिंह राव को क्‍या कांग्रेस ने इसका क्रेडिट दिया? उल्‍लेखनीय है कि नरसिंह राव प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल पूरा करने वाले कांग्रेस की तरफ से नेहरू-गांधी परिवार के इतर पहले राजनेता थे.

Source:-ZEENEWS

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