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Telugu on-screen character Amit Purohit passes on: Aditi Rao Hydari drives sympathies from South
Entertainer Amit Purohit, who had highlighted in Telugu and Hindi movies, has passed away as of late. He was most recently seen in Telugu ...
Tuesday 31 July 2018
Thursday 28 June 2018
त्रिपुरा: बच्चा चोरी के संदेह में 2 लोगों की पीट-पीटकर हत्या, 48 घंटों के लिए इंटरनेट बंद करने का आदेश
अगरताला: सोशल मीडिया पर वायरल हुए बच्चा चोरी के वीडियो ने अब तक कई बेगुनाहों की जान ले ली है. बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर बेगुनाहों की जाने लेने की दर्दनाक घटनाएं बेंगलुरु से शुरू होकर गुजरात के बाद अब त्रिपुरा पहुंच गई हैं. गुरुवार को त्रिपुरा में दो अलग-अलग घटनाओं में भीड़ ने पीट-पीटकर दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया. हमलों में एक पुलिसकर्मी सहित पांच लोग घायल बताए जा रहे हैं. घायलों का इलाज अस्पताल में कराया जा रहा है.
पहली घटना राजधानी अगरतला से करीब 30 किलोमीटर दूर पश्चिम त्रिपुरा के मुराबारी की है. यहां बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ ने घूमकर कपड़ा बेचने वाले तीन लोगों पर हमला कर दिया. इनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य बुरी तरह घायल हो गए. जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम जहीर खान कुरैशी है. वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और त्रिपुरा में कपड़े बेचने का काम करता था. घटना में दो अन्य कपड़ा बेचने वाले खुशित खान (यूपी) व गुलजार खान (यूपी) सहित अगरतला के एक टैक्सी ड्राइवर के घायल होने की खबर है. घायलों को जीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमले में एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया जिसे इलाज के बाद घर भेज दिया गया.
कपड़े का कारोबार करने आए थे त्रिपुरा
मुराबारी के सहायक पुलिस महानिरीक्षक स्मृति रंजन दास ने बताया कि कारोबार के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के तीन हॉकर त्रिपुरा आए थे. उन्होंने एक टैक्सी किराए पर ली थी. जब वह इलाके में पहुंचे तभी उग्र भीड़ ने बच्चा उठाने वाला समझ कर उन्हें पीटना शुरू कर दिया. हॉकर और ड्राइवर जान बचाने के लिए त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) कैंप पहुंचे. करीब एक हजार उग्र लोग उनके पीछे-पीछे कैंप में घुस गए और उनमें से एक हॉकर को खींचकर बाहर ले गए.
Source:-ZEENEWS
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पहली घटना राजधानी अगरतला से करीब 30 किलोमीटर दूर पश्चिम त्रिपुरा के मुराबारी की है. यहां बच्चा चोरी के संदेह में भीड़ ने घूमकर कपड़ा बेचने वाले तीन लोगों पर हमला कर दिया. इनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य बुरी तरह घायल हो गए. जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम जहीर खान कुरैशी है. वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और त्रिपुरा में कपड़े बेचने का काम करता था. घटना में दो अन्य कपड़ा बेचने वाले खुशित खान (यूपी) व गुलजार खान (यूपी) सहित अगरतला के एक टैक्सी ड्राइवर के घायल होने की खबर है. घायलों को जीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमले में एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया जिसे इलाज के बाद घर भेज दिया गया.
कपड़े का कारोबार करने आए थे त्रिपुरा
मुराबारी के सहायक पुलिस महानिरीक्षक स्मृति रंजन दास ने बताया कि कारोबार के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के तीन हॉकर त्रिपुरा आए थे. उन्होंने एक टैक्सी किराए पर ली थी. जब वह इलाके में पहुंचे तभी उग्र भीड़ ने बच्चा उठाने वाला समझ कर उन्हें पीटना शुरू कर दिया. हॉकर और ड्राइवर जान बचाने के लिए त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) कैंप पहुंचे. करीब एक हजार उग्र लोग उनके पीछे-पीछे कैंप में घुस गए और उनमें से एक हॉकर को खींचकर बाहर ले गए.
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Friday 22 June 2018
ISIS के आतंकियों के निशाने पर थी अमरनाथ यात्रा, सेना ने उससे पहले ही लगाया ठिकाने
नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में शुक्रवार को हुए सेना के एक बड़े ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी हाथ लगी. सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया. इस ऑपरेशन से पहली बार इस बात की तस्दीक भी हो गई कि घाटी में आईएसआईएस ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. हालांकि इस ऑपरेशन में आईएसआईएस का जम्मू कश्मीर का सरगना ढेर हो गया. इस ऑपरेशन को इसलिए भी अहम करार दिया जा रहा है, क्योंकि सुरक्षाबलों के सूत्रों के अनुसार, ये चारों आतंकी अमरनाथ यात्रा के समय बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे.
शुक्रवार सुबह हुए इस आपॅरेशन में एक सुरक्षाबल का जवान भी शहीद हुआ. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक ये आतंकी जल्द शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के समय बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने वाले थे. लेकिन इस ऑपरेशन में उनका खात्मा कर दिया. ये ऑपरेशन घाटी में आईएसआईएस के बढ़ते कदमों पर एक बड़ा कुठाराघात माना जा रहा है. इसके बाद घाटी में आईएसआईएस के दो से चार आतंकी ही बचे हैं.
ये चार दहशतगर्द किए गए ढेर
सेना के ऑपरेशन में चार आतंकियों को ढेर किया गया. इनमें आईएसआईएस का सरगना दाऊद सोफी के अलावा माजिद मंजूर, आदिल रहमान भट और मोहम्मद अशरफ मारे गए. घाटी में 7 महीने के छोटे से अंतराल में 'दाऊद' आतंक का पर्याय बन चुका था. दाऊद बीते सात महीनों से ISIS और पाक समर्थित आतंकियों के इशारे पर कश्मीर की वादियों में लगातार आतंकी वारदातों का अंजाम दे रहा था. दाऊद की बढ़ती आतंकी गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षाबलों ने उसका नाम अपनी हिट लिस्ट में शामिल कर उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी थी. जल्द ही सुरक्षाबलों की तलाश पूरी हुई और शुक्रवार सुबह इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर उसे अनंतनाग के श्रीगुफवारा इलाके में घेर लिया. करीब आठ घंटे से अधिक समय तक चले मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने दाऊद को उसके तीन साथियों के साथ मार गिराया.
Source:-ZEENEWS
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शुक्रवार सुबह हुए इस आपॅरेशन में एक सुरक्षाबल का जवान भी शहीद हुआ. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक ये आतंकी जल्द शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के समय बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने वाले थे. लेकिन इस ऑपरेशन में उनका खात्मा कर दिया. ये ऑपरेशन घाटी में आईएसआईएस के बढ़ते कदमों पर एक बड़ा कुठाराघात माना जा रहा है. इसके बाद घाटी में आईएसआईएस के दो से चार आतंकी ही बचे हैं.
ये चार दहशतगर्द किए गए ढेर
सेना के ऑपरेशन में चार आतंकियों को ढेर किया गया. इनमें आईएसआईएस का सरगना दाऊद सोफी के अलावा माजिद मंजूर, आदिल रहमान भट और मोहम्मद अशरफ मारे गए. घाटी में 7 महीने के छोटे से अंतराल में 'दाऊद' आतंक का पर्याय बन चुका था. दाऊद बीते सात महीनों से ISIS और पाक समर्थित आतंकियों के इशारे पर कश्मीर की वादियों में लगातार आतंकी वारदातों का अंजाम दे रहा था. दाऊद की बढ़ती आतंकी गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षाबलों ने उसका नाम अपनी हिट लिस्ट में शामिल कर उसकी सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी थी. जल्द ही सुरक्षाबलों की तलाश पूरी हुई और शुक्रवार सुबह इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर उसे अनंतनाग के श्रीगुफवारा इलाके में घेर लिया. करीब आठ घंटे से अधिक समय तक चले मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने दाऊद को उसके तीन साथियों के साथ मार गिराया.
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Tuesday 19 June 2018
जम्मू-कश्मीर के DGP बोले - आतंकवादियों के खिलाफ तेज होगा अभियान
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख एस पी वैद्य ने आज कहा कि आगामी दिनों में राज्य में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज होगा क्योंकि रमजान के दौरान जब आतंकवाद रोधी अभियान बंद थे तब आतंकी गतिविधियों में तेजी आई थी.
यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यपाल शासन से आतंकवाद रोधी अभियानों में राज्य की सुरक्षा रणनीति में कोई अंतर आएगा , उन्होंने कहा कि अभियान जारी रहेंगे. इस (संघर्षविराम) समयावधि के दौरान अभियान रोक दिए गए थे. वे पहले भी चल रहे थे लेकिन हम आगामी दिनों में इन अभियानों को तेज करेंगे. और मुझे लगता है कि काम करना बहुत आसान होगा.
वैद्य ने कहा कि रमजान में संघर्षविराम के समय आतंकवादी गतिविधियों में बढोत्तरी हुई. उन्होंने कहा, ‘लेकिन , हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और अब आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज करेंगे.’ डीजीपी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि राज्यपाल शासन का घाटी की सुरक्षा स्थिति पर असर होगा और ‘चीजें बहुत असरदार तरीके से काम करनी चाहिए. ’
उन्होंने कहा कि संघर्षविराम के कारण आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर असर पड़ा है क्योंकि इससे आतंकवादियों को लाभ पहुंचा.
Source:-ZEENEWS
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यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यपाल शासन से आतंकवाद रोधी अभियानों में राज्य की सुरक्षा रणनीति में कोई अंतर आएगा , उन्होंने कहा कि अभियान जारी रहेंगे. इस (संघर्षविराम) समयावधि के दौरान अभियान रोक दिए गए थे. वे पहले भी चल रहे थे लेकिन हम आगामी दिनों में इन अभियानों को तेज करेंगे. और मुझे लगता है कि काम करना बहुत आसान होगा.
वैद्य ने कहा कि रमजान में संघर्षविराम के समय आतंकवादी गतिविधियों में बढोत्तरी हुई. उन्होंने कहा, ‘लेकिन , हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और अब आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज करेंगे.’ डीजीपी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि राज्यपाल शासन का घाटी की सुरक्षा स्थिति पर असर होगा और ‘चीजें बहुत असरदार तरीके से काम करनी चाहिए. ’
उन्होंने कहा कि संघर्षविराम के कारण आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर असर पड़ा है क्योंकि इससे आतंकवादियों को लाभ पहुंचा.
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Monday 18 June 2018
नए प्रोडक्ट के लिए जूझ रहा है अरविंद केजरीवाल का पॉलिटिकल स्टार्टअप
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट सहयोगी छह दिन से राजनिवास पर धरना दे रहे हैं. उनके इस धरने की वैधानिकता पर अब दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सवाल उठा दिए हैं. अदालत ने पूछा है कि अगर यह हड़ताल है तो किसी के घर के भीतर कैसे हो सकती है. इस हड़ताल के चलते अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग में हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी नहीं जा सके. हड़ताल के चलते दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का स्वास्थ्य पहले ही गड़बड़ा चुका है.
केजरीवाल का यक्ष प्रश्न
यह सवाल अब पुराना पड़ गया है कि अरविंद केजरीवाल यह क्यों कर रहे हैं और इसका हासिल क्या है? केजरीवाल बनाम केंद्र बनाम उपराज्यपाल बनाम अफसरशाही का चक्रव्यूह अब इतना पुराना पड़ गया है कि लोगों को इसकी आदत सी पड़ गई है. और इसी तरह की आदत लोगों को केजरीवाल के धरने और हड़तालों की भी पड़ गई है. इन हड़तालों से अब उस तरह का असर पैदा नहीं होता, जैसा असर 2011 से 2014 के बीच पड़ा करता था. और यही केजरीवाल का नया यक्ष प्रश्न है.
ईमानदारी की अकेली टकसाल
लेकिन दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद से लोग केजरीवाल से हड़ताल या परनिंदा की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. परनिंदा की रणनीति को तो आखिरकार खुद केजरीवाल ने अपने ऊपर लगे मानहानि के मुकदमों से तंग आकर छोड़ दिया. उन्होंने एक-एक कर उन सब नेताओं से माफी मांग ली, जिन्हें वे भ्रष्ट कहते थे. इस तरह केजरीवाल के स्टार्टअप का यह दावा जाता रहा कि सियासत में वह ईमानदारी की अकेली टकसाल है. अब उनकी हड़तालों को लेकर भी लोग खासे उत्साहित नहीं हैं. उनके धरने को जनता और मीडिया दोनों में ही न तो पहले जैसी जगह मिल रही है और न पहले जैसी सहानुभूति.
नए इनवेंशन का इंतजार
यही केजरीवाल की विडंबना बन गई है. उनको अब समझ नहीं आ रहा कि जनता का ध्यान कैसे खींचा जाए. उनका स्टार्टअप अब एक नए इनवेंशन का इंतजार कर रहा है. उन्हें कोई ऐसा सियासी प्रोडक्ट लॉन्च करना होगा जो हड़ताल और परनिंदा के उनके पुराने प्रोडक्ट से ज्यादा आकर्षक हो. लेकिन फिलहाल वह यह काम कर नहीं पा रहे हैं. उनकी इस नाकामी की एक वजह यह भी है कि उनके वे सारे साथी हितों के टकराव और केजरीवाल की जिद के कारण एक-एक कर आम आदमी पार्टी से बाहर हो चुके हैं, जिन्होंने कभी इस प्रयोग का सृजन किया था.
देश के तकरीबन हर प्रदेश में आप के संस्थापक सदस्य पार्टी से बाहर हो चुके हैं. ऐसे में नया रास्ता खोजने की जिम्मेदारी अब सिर्फ केजरीवाल के कंधों पर है. पहले उनके पास साथी हुआ करते थे, लेकिन अब सिर्फ अनुचर यानी फॉलोअर बचे हैं. फॉलोअर नेता के जयकारे लगा सकते हैं और भीड़ बन सकते हैं, लेकिन वे अपने नेता को सलाह नहीं दे सकते. उनकी न तो यह फितरत होती है और न ही उनके पास इसकी कोई ट्रेनिंग होती है.
केजरीवाल को अब ऐसे मुद्दे और लहजे की तलाश है जो उन्हें वह पुरानी नैतिक ऊंचाई दे सके, जिसने छह साल पहले उन्हें देश में आशा की किरण के तौर पर पेश किया था. लेकिन देखने में यह आ रहा है कि इस नैतिक ऊंचाई को पाने की तलब जागने के बजाय केजरीवाल आम आदमी पार्टी को भी कांग्रेस, बीजेपी या दूसरे दलों की नई नकल बनाने में जुटे हुए हैं. लेकिन नकल का क्या हासिल है, इसे वह खुद अपने घटते वोट बैंक से समझ सकते हैं.
Source:-ZEENEWS
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केजरीवाल का यक्ष प्रश्न
यह सवाल अब पुराना पड़ गया है कि अरविंद केजरीवाल यह क्यों कर रहे हैं और इसका हासिल क्या है? केजरीवाल बनाम केंद्र बनाम उपराज्यपाल बनाम अफसरशाही का चक्रव्यूह अब इतना पुराना पड़ गया है कि लोगों को इसकी आदत सी पड़ गई है. और इसी तरह की आदत लोगों को केजरीवाल के धरने और हड़तालों की भी पड़ गई है. इन हड़तालों से अब उस तरह का असर पैदा नहीं होता, जैसा असर 2011 से 2014 के बीच पड़ा करता था. और यही केजरीवाल का नया यक्ष प्रश्न है.
ईमानदारी की अकेली टकसाल
लेकिन दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद से लोग केजरीवाल से हड़ताल या परनिंदा की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. परनिंदा की रणनीति को तो आखिरकार खुद केजरीवाल ने अपने ऊपर लगे मानहानि के मुकदमों से तंग आकर छोड़ दिया. उन्होंने एक-एक कर उन सब नेताओं से माफी मांग ली, जिन्हें वे भ्रष्ट कहते थे. इस तरह केजरीवाल के स्टार्टअप का यह दावा जाता रहा कि सियासत में वह ईमानदारी की अकेली टकसाल है. अब उनकी हड़तालों को लेकर भी लोग खासे उत्साहित नहीं हैं. उनके धरने को जनता और मीडिया दोनों में ही न तो पहले जैसी जगह मिल रही है और न पहले जैसी सहानुभूति.
नए इनवेंशन का इंतजार
यही केजरीवाल की विडंबना बन गई है. उनको अब समझ नहीं आ रहा कि जनता का ध्यान कैसे खींचा जाए. उनका स्टार्टअप अब एक नए इनवेंशन का इंतजार कर रहा है. उन्हें कोई ऐसा सियासी प्रोडक्ट लॉन्च करना होगा जो हड़ताल और परनिंदा के उनके पुराने प्रोडक्ट से ज्यादा आकर्षक हो. लेकिन फिलहाल वह यह काम कर नहीं पा रहे हैं. उनकी इस नाकामी की एक वजह यह भी है कि उनके वे सारे साथी हितों के टकराव और केजरीवाल की जिद के कारण एक-एक कर आम आदमी पार्टी से बाहर हो चुके हैं, जिन्होंने कभी इस प्रयोग का सृजन किया था.
देश के तकरीबन हर प्रदेश में आप के संस्थापक सदस्य पार्टी से बाहर हो चुके हैं. ऐसे में नया रास्ता खोजने की जिम्मेदारी अब सिर्फ केजरीवाल के कंधों पर है. पहले उनके पास साथी हुआ करते थे, लेकिन अब सिर्फ अनुचर यानी फॉलोअर बचे हैं. फॉलोअर नेता के जयकारे लगा सकते हैं और भीड़ बन सकते हैं, लेकिन वे अपने नेता को सलाह नहीं दे सकते. उनकी न तो यह फितरत होती है और न ही उनके पास इसकी कोई ट्रेनिंग होती है.
केजरीवाल को अब ऐसे मुद्दे और लहजे की तलाश है जो उन्हें वह पुरानी नैतिक ऊंचाई दे सके, जिसने छह साल पहले उन्हें देश में आशा की किरण के तौर पर पेश किया था. लेकिन देखने में यह आ रहा है कि इस नैतिक ऊंचाई को पाने की तलब जागने के बजाय केजरीवाल आम आदमी पार्टी को भी कांग्रेस, बीजेपी या दूसरे दलों की नई नकल बनाने में जुटे हुए हैं. लेकिन नकल का क्या हासिल है, इसे वह खुद अपने घटते वोट बैंक से समझ सकते हैं.
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Sunday 17 June 2018
'कर्नाटक में कोई कुत्ता भी मर जाए तो क्या PM मोदी जिम्मेदार हैं', श्रीराम सेना के नेता का बेतुका बयान
बेगलुरु: श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने कन्नड़ पत्रिका की संपादक गौरी लंकेश की हत्या पर आपत्तिजनक बयान दिया है. कर्नाटक में गौरी लंकेश और कलबुर्गी की हत्या का उल्लेख करते हुए उन्होंने कांग्रेस की सरकार पर सवाल उठाए. वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की आलोचना करने वालों पर भी प्रमोद मुतालिक ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के शासन के दौरान दो हत्याएं कर्नाटक में हुईं और दो महाराष्ट्र में. उस दौरान किसी ने कांग्रेस सरकार की नाकामयाबी पर सवाल नहीं उठाए. इसके बदले, वे लोग पुछ रहे हैं कि गौरी लंकेश की हत्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों चुप हैं? अगर कर्नाटक में कोई कुत्ता भी मरता है तो क्या मोदी जिम्मेदार हैं?'
पिछले साल पांच सितंबर को 'लंकेश पत्रिका' की संपादक गौरी लंकेश (55) की बेंगलुरु शहर के उपनगरीय इलाके में स्थित उनके आवास पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने कुल सात गोलियां मारी जिनमें तीन (दो छाती और एक माथे पर) गौरी को लगीं थीं.
एक ही हथियार से हुई गौरी लंकेश, गोविंद पंसारे और कलबुर्गी की हत्या
पत्रकार एवं कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 15 जून को बताया था कि परशुराम वाघमारे ने गौरी की हत्या को अंजाम दिया था. परशुराम वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है.
Source:-ZEENEWS
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पिछले साल पांच सितंबर को 'लंकेश पत्रिका' की संपादक गौरी लंकेश (55) की बेंगलुरु शहर के उपनगरीय इलाके में स्थित उनके आवास पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने कुल सात गोलियां मारी जिनमें तीन (दो छाती और एक माथे पर) गौरी को लगीं थीं.
एक ही हथियार से हुई गौरी लंकेश, गोविंद पंसारे और कलबुर्गी की हत्या
पत्रकार एवं कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 15 जून को बताया था कि परशुराम वाघमारे ने गौरी की हत्या को अंजाम दिया था. परशुराम वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है.
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Friday 15 June 2018
1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को चुनाव से पहले 'बड़ा तोहफा' दे सकती है मोदी सरकार!
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार 2019 का चुनाव जीतने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों से केंद्रीय कर्मचारी खुश नहीं हैं. ऐसे में बीजेपी सरकार एक करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को नाराज नहीं करना चाहती है. वह इन कर्मचारियों को चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले बड़ा तोहफा देगी. इसमें 7वें वेतनमान आयोग के तहत कर्मचारियों की मांग के अनुरूप न्यूनतम वेतनमान और फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की सौगात शामिल हो सकती है. हां, ये ऐलान कब होगा इसे लेकर ऊहापोह की स्थिति है. सूत्रों की मानें तो अंदरखाने तारीखों के चयन को लेकर मंथन चल रहा है. उम्मीद है कि इस बार 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका ऐलान करे. कुछ और तारीखों पर भी मंथन हो रहा है. सरकार ने जनवरी 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया था. लेकिन महंगाई को देखते हुए उसका खास असर नहीं हुआ. उल्टे कर्मचारी नाराज हो गए. उन्होंने सरकार से गुजारिश की थी कि न्यूनतम वेतन 18000 से बढ़ाकर 26000 रुपए कर दिया जाए और फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए.
जनवरी 2016 में बढ़ा था 14 फीसदी वेतन
जनवरी 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी. हालांकि कर्मचारी इससे खुश नहीं हैं. इसके साथ ही मोदी सरकार ने कर्मचारियों के हितों में ढेरों कदम उठाए हैं. ग्रामीण अंचल में तैनात पोस्टल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने से लेकर डेपुटेशन पर जाने वाले कर्मचारियों के भत्ते में बढ़ोतरी तक शामिल है. यह सब 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर हुआ था.
50 लाख कर्मचारी इंतजार में
सरकार ने अब तक 50 लाख कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन नहीं बढ़ाया है लेकिन ग्रामीण अंचल में तैनात कर्मचारियों की सैलरी में 56 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने गांवों में तैनात पार्ट-टाइम पोस्टल सर्विस स्टाफ का वेतन 56 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था. उन्हें 1 जनवरी, 2016 से एरियर मिलेगा.
Source:-ZEENEWS
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जनवरी 2016 में बढ़ा था 14 फीसदी वेतन
जनवरी 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी. हालांकि कर्मचारी इससे खुश नहीं हैं. इसके साथ ही मोदी सरकार ने कर्मचारियों के हितों में ढेरों कदम उठाए हैं. ग्रामीण अंचल में तैनात पोस्टल कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने से लेकर डेपुटेशन पर जाने वाले कर्मचारियों के भत्ते में बढ़ोतरी तक शामिल है. यह सब 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर हुआ था.
50 लाख कर्मचारी इंतजार में
सरकार ने अब तक 50 लाख कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन नहीं बढ़ाया है लेकिन ग्रामीण अंचल में तैनात कर्मचारियों की सैलरी में 56 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने गांवों में तैनात पार्ट-टाइम पोस्टल सर्विस स्टाफ का वेतन 56 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था. उन्हें 1 जनवरी, 2016 से एरियर मिलेगा.
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Thursday 14 June 2018
पत्थरबाजों ने की CRPF के जवानों को पत्थर से पीटकर जान से मारने की कोशिश!
अनूप कुमार मिश्र, नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पत्थरबाजों ने एक बार फिर सीआरपीएफ के जवानों को जान से मारने की नाकाम कोशिश की है! गनीमत रही कि सीआरपीएफ के जवानों ने समझदारी और धैर्य के साथ काम लिया, जिसके चलते पत्थरबाजों की यह साजिश नाकाम हो गई. दरअसल यह मामला जम्मू-कश्मीर के बनियाल का है. गुरुवार को सीआरपीएफ के वाहनों का काफिला जम्मू के लिए जा रहा था. जैसे ही यह काफिला बनिहाल मार्किट में घुसा, एक कार बेहद धीमी रफ्तार में कार के आगे चलने लगी.
सूत्रों के अनुसार सीआरपीएफ की बस के ड्राइवर ने हॉर्न बजाकर कार चालक को सामने से हटने का इशारा किया, लेकिन कार चालक लगातार सीआरपीएफ के बस के हॉर्न को नजरअंदाज करता रहा. तभी ड्राइवर की निगाह बाजार के दोनों तरफ खड़े लोगों पर गई. उसने देखा कि बाजार के दोनों तरफ लोग कतार में खड़े हैं. कतार में खड़े लोगों ने अपने हाथ पीछे बांध रखे हैं. ड्राइवर को अंदेशा हो गया कि कुछ बहुत खतरनाक होने वाला है. उसने तत्काल बस में मौजूद जवानों से कहा कि कुछ भी हो जाए, कोई बस से बाहर नहीं जाएगा.
खतरे को भांपते हुए सीआरपीएफ के बस ड्राइवर ने मौके से बस को निकालने की कोशिश की. इसी कोशिश में बस का एक हिस्सा कार से मामूली रूप से छू गया. जिसके बाद कार में सवार चार पांच लोग बाहर आए और सीआरपीएफ बस ड्राइवर को गालियां देने लगे. सभी बार बार ड्राइवर को बस से बाहर आने के लिए ललकार रहे थे. ड्राइवर पहले से उनकी चाल को पढ़ चुका था. कार सवार युवक इस कोशिश में नाकाम हो गए तो उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया कि बस ड्राइवर ने बच्ची को कुचल दिया है.
फिर क्या था लोगों ने सीआरपीएफ की बस पर लगातार पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. इसके बाद सीआरपीएफ की बस बनिहाल मार्किट में जहां से गुजरी कतार में खड़े लोग, वहां खड़े लोग लगातार पत्थर बरसाते रहे. बस में पत्थर बरसने का सिलसिला तभी खत्म हुआ जब यह काफिला बनिहाल शहर से बाहर निकल आया. अब वीडियो में ही देखिए बनिहाल में सीआरपीएफ के जवानों पर किस तरह से लाखों पत्थरों की बरसात की गई.
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सूत्रों के अनुसार सीआरपीएफ की बस के ड्राइवर ने हॉर्न बजाकर कार चालक को सामने से हटने का इशारा किया, लेकिन कार चालक लगातार सीआरपीएफ के बस के हॉर्न को नजरअंदाज करता रहा. तभी ड्राइवर की निगाह बाजार के दोनों तरफ खड़े लोगों पर गई. उसने देखा कि बाजार के दोनों तरफ लोग कतार में खड़े हैं. कतार में खड़े लोगों ने अपने हाथ पीछे बांध रखे हैं. ड्राइवर को अंदेशा हो गया कि कुछ बहुत खतरनाक होने वाला है. उसने तत्काल बस में मौजूद जवानों से कहा कि कुछ भी हो जाए, कोई बस से बाहर नहीं जाएगा.
खतरे को भांपते हुए सीआरपीएफ के बस ड्राइवर ने मौके से बस को निकालने की कोशिश की. इसी कोशिश में बस का एक हिस्सा कार से मामूली रूप से छू गया. जिसके बाद कार में सवार चार पांच लोग बाहर आए और सीआरपीएफ बस ड्राइवर को गालियां देने लगे. सभी बार बार ड्राइवर को बस से बाहर आने के लिए ललकार रहे थे. ड्राइवर पहले से उनकी चाल को पढ़ चुका था. कार सवार युवक इस कोशिश में नाकाम हो गए तो उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया कि बस ड्राइवर ने बच्ची को कुचल दिया है.
फिर क्या था लोगों ने सीआरपीएफ की बस पर लगातार पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. इसके बाद सीआरपीएफ की बस बनिहाल मार्किट में जहां से गुजरी कतार में खड़े लोग, वहां खड़े लोग लगातार पत्थर बरसाते रहे. बस में पत्थर बरसने का सिलसिला तभी खत्म हुआ जब यह काफिला बनिहाल शहर से बाहर निकल आया. अब वीडियो में ही देखिए बनिहाल में सीआरपीएफ के जवानों पर किस तरह से लाखों पत्थरों की बरसात की गई.
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Wednesday 13 June 2018
यदि PM मोदी ने वाजपेयी-आडवाणी की कद्र नहीं की, तो कांग्रेस ने नरसिंह राव और केसरी के साथ क्या किया?
एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हाल-चाल जानने के लिए सबसे पहले पहुंचने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उसके अगले 24 घंटे के भीतर मुंबई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक गुरु लालकृष्ण आडवाणी का सम्मान नहीं करते. सिर्फ इतना ही उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ''एकलव्य ने अपने गुरु की मांग पर तो अपना अंगूठा काटकर दे दिया. लेकिन बीजेपी में तो वे अपने ही गुरुओं का सम्मान नहीं करते. वाजपेयी जी, आडवाणी जी, जसवंत सिंह जी और उनके परिवारों का निरादर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय संस्कृति की रक्षा का तरीका है.'' यहीं से यह बात भी निकलकर आती है कि सोनिया और राहुल गांधी के दौर में कांग्रेस ने अपने बुजुर्ग नेताओं के साथ कैसा व्यवहार किया है?
कांग्रेस नेता पीवी नरसिंह राव 1991-1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उनके वित्त मंत्री मनमोहन सिंह थे. उसी दौर में अर्थव्यवस्था के लिहाज से आजादी के बाद सबसे क्रांतिकारी कदम के रूप में 1991 में देश ने आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को अपनाया. आर्थिक सुधारों के संबंध में लिए गए इस फैसले के संबंध में आज एक पीढ़ी से भी ज्यादा वक्त बीतने के बाद यह कहा जा सकता है कि इससे देश का भाग्य बदल गया. लोगों की जिंदगियों में बदलाव आया. देश तरक्की की राह में आगे बढ़ा. लेकिन इतने बड़े सुधारों की अगुआई करने वाले नेता नरसिंह राव को क्या कांग्रेस ने इसका क्रेडिट दिया? उल्लेखनीय है कि नरसिंह राव प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल पूरा करने वाले कांग्रेस की तरफ से नेहरू-गांधी परिवार के इतर पहले राजनेता थे.
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कांग्रेस नेता पीवी नरसिंह राव 1991-1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उनके वित्त मंत्री मनमोहन सिंह थे. उसी दौर में अर्थव्यवस्था के लिहाज से आजादी के बाद सबसे क्रांतिकारी कदम के रूप में 1991 में देश ने आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण की नीतियों को अपनाया. आर्थिक सुधारों के संबंध में लिए गए इस फैसले के संबंध में आज एक पीढ़ी से भी ज्यादा वक्त बीतने के बाद यह कहा जा सकता है कि इससे देश का भाग्य बदल गया. लोगों की जिंदगियों में बदलाव आया. देश तरक्की की राह में आगे बढ़ा. लेकिन इतने बड़े सुधारों की अगुआई करने वाले नेता नरसिंह राव को क्या कांग्रेस ने इसका क्रेडिट दिया? उल्लेखनीय है कि नरसिंह राव प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल पूरा करने वाले कांग्रेस की तरफ से नेहरू-गांधी परिवार के इतर पहले राजनेता थे.
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Tuesday 12 June 2018
48 hours on, no truce in sight: Kejriwal and his ministers continue protest at Lieutenant-Governor Anil Baijal's office
NEW DELHI: As the second all-night protest by Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal and his cabinet colleagues at Lieutenant-Governor Anil Baijal’s office-cum-residence passed by, no truce seemed to be in sight.
Tweeting on Wednesday morning, the Chief Minister informed, “Good morning, Delhiites. Our struggle to overcome the hurdles blocking Delhi's development is on. Our confidence is our strength.”
Later today, AAP workers are expected to march towards L-G's house around 4 pm.
Kejriwal along with his deputy Manish Sisodia, AAP ministers Satyendar Jain and Gopal Rai went to meet Baijal at Raj Niwas on the issue of IAS officers "strike" on Monday evening. However, the meeting yielded no results and the team decided to stay back inside the waiting room of the L-G office.
“People have been saying that Kejriwal has been silent for a year. I think they (Centre) have started to take undue advantage of my silence,” Kejriwal had told at his residence on Monday.
Source:-ZEENEWS
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Later today, AAP workers are expected to march towards L-G's house around 4 pm.
Kejriwal along with his deputy Manish Sisodia, AAP ministers Satyendar Jain and Gopal Rai went to meet Baijal at Raj Niwas on the issue of IAS officers "strike" on Monday evening. However, the meeting yielded no results and the team decided to stay back inside the waiting room of the L-G office.
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Monday 11 June 2018
कर्नाटक विधान परिषद चुनाव LIVE : मतगणना जारी, इन प्रत्याशियों की किस्मत पर लगा है दांव
बेंगलुरु : 8 जून को कर्नाटक की 6 विधान परिषदों पर हुए मतदान की गिनती आज (12 जून) हो रही है. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर स्थानीय नेताओं की भीड़ देखने को मिल रही है. कर्नाटक समेत भारत के कुल सात राज्यों में ही द्विसदनीय विधायिका है. इन राज्यों में उच्च सदन को विधान परिषद और नीचले सदन को विधानसभा कहा जाता है. कर्नाटक में विधान परिषदों सदस्यों की संख्या 75 है.
क्यों खाली हुईं थी सीटें
विधान परिषद के सदस्यों के विधानसभा में निर्वाचित होने की वजह से यह सीटें खाली हुई हैं. जानकारी के मुताबिक इन विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल इसी महीने की 17 तारीख को समाप्त हो रहा है. इसलिए इससे पहले नए सदस्यों का चयन होना अनिवार्य है.
बीजेपी ने मैदान में उतारे हैं पांच उम्मीदवार
विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें लाने के बाद भी सत्तासीन ना हो सकी बीजेपी ने इन चुनावों में 5 उम्मीदवार उतारे थे. आबीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति ने एस रूद्रगौड़ा, केपी नांजुन्दी, एन रविकुमार, तेजस्विनी गौड़ा और रघुनाथ माल्कापुरे को मैदान में उतारा था.
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क्यों खाली हुईं थी सीटें
विधान परिषद के सदस्यों के विधानसभा में निर्वाचित होने की वजह से यह सीटें खाली हुई हैं. जानकारी के मुताबिक इन विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल इसी महीने की 17 तारीख को समाप्त हो रहा है. इसलिए इससे पहले नए सदस्यों का चयन होना अनिवार्य है.
बीजेपी ने मैदान में उतारे हैं पांच उम्मीदवार
विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें लाने के बाद भी सत्तासीन ना हो सकी बीजेपी ने इन चुनावों में 5 उम्मीदवार उतारे थे. आबीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति ने एस रूद्रगौड़ा, केपी नांजुन्दी, एन रविकुमार, तेजस्विनी गौड़ा और रघुनाथ माल्कापुरे को मैदान में उतारा था.
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विधानसभा में 10% से भी कम हाजिरी रही केजरीवाल की, शिकायत लेकर हाईकोर्ट पहुंचे कपिल मिश्रा
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में कम उपस्थिति को लेकर अपने विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं. अभी हाल में उन्होंने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन खुद उससे गैरहाजिर रहे. अब विधायक और आम अादमी पार्टी से विद्रोह कर चुके कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल की दिल्ली विधानसभा में उपस्थिति 10 फीसदी से भी कम रही है.
कपिल मिश्रा ने अब दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि केजरीवाल विधानसभा में 10 फीसदी से भी कम उपस्थित रहे हैं. हाईकोर्ट अब इस मामले में कल सुनवाई कर सकता है. कपिल मिश्रा ने अपनी याचिका में मांग की है कि हाईकोर्ट मुख्यमंत्री को विधानसभा के सभी सत्र में उपस्थित रहने के लिए दिशा निर्देश दे. इसके साथ ही वह उपराज्यपाल और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष से भी कहे कि वह मुख्यमंत्री की उपस्थिति को अनिवार्य बनाएं.
पार्टी से विद्रोह कर चुके कपिल मिश्रा का कहना है कि जब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया तो खुद सीएम उससे पूरी तरह नदारद रहे. वह सिर्फ 2 घंटे के लिए वहां आए. ये उन वोटर्स का अपमान है, जिन्होंने आपको चुना है. अगर वह विधानसभा का सत्र अटैंड नहीं कर सकते तो उनकी सैलरी काट देनी चाहिए.
इधर अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए मांग तेज कर दी है. केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में 'आप’ के वार्ड स्तरीय पदाधिकारियों एवं विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई स्वतंत्रता संघर्ष की तरह है. केजरीवाल ने कहा कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के दौरान भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था और अब आम आदमी पार्टी ‘एलजी दिल्ली छोड़ो’ अभियान शुरू करेगी.
उन्होंने कहा कि 1947 में भारत को आजादी मिली और सभी ब्रिटिश वायसराय हटा दिए गए, लेकिन दिल्ली में एलजी (उप-राज्यपाल) को वायसराय की जगह नियुक्त कर दिया गया. अपने अभियान के पहले चरण के बारे में केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ के नेता, विधायक और कार्यकर्ता 17 जून से 24 जून तक राष्ट्रीय राजधानी में 300 जगहों पर सभाएं करेंगे.
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कपिल मिश्रा ने अब दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि केजरीवाल विधानसभा में 10 फीसदी से भी कम उपस्थित रहे हैं. हाईकोर्ट अब इस मामले में कल सुनवाई कर सकता है. कपिल मिश्रा ने अपनी याचिका में मांग की है कि हाईकोर्ट मुख्यमंत्री को विधानसभा के सभी सत्र में उपस्थित रहने के लिए दिशा निर्देश दे. इसके साथ ही वह उपराज्यपाल और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष से भी कहे कि वह मुख्यमंत्री की उपस्थिति को अनिवार्य बनाएं.
पार्टी से विद्रोह कर चुके कपिल मिश्रा का कहना है कि जब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया तो खुद सीएम उससे पूरी तरह नदारद रहे. वह सिर्फ 2 घंटे के लिए वहां आए. ये उन वोटर्स का अपमान है, जिन्होंने आपको चुना है. अगर वह विधानसभा का सत्र अटैंड नहीं कर सकते तो उनकी सैलरी काट देनी चाहिए.
इधर अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए मांग तेज कर दी है. केजरीवाल ने एक कार्यक्रम में 'आप’ के वार्ड स्तरीय पदाधिकारियों एवं विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई स्वतंत्रता संघर्ष की तरह है. केजरीवाल ने कहा कि महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के दौरान भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था और अब आम आदमी पार्टी ‘एलजी दिल्ली छोड़ो’ अभियान शुरू करेगी.
उन्होंने कहा कि 1947 में भारत को आजादी मिली और सभी ब्रिटिश वायसराय हटा दिए गए, लेकिन दिल्ली में एलजी (उप-राज्यपाल) को वायसराय की जगह नियुक्त कर दिया गया. अपने अभियान के पहले चरण के बारे में केजरीवाल ने कहा कि ‘आप’ के नेता, विधायक और कार्यकर्ता 17 जून से 24 जून तक राष्ट्रीय राजधानी में 300 जगहों पर सभाएं करेंगे.
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Friday 8 June 2018
महिला एशिया कप : पाकिस्तान को 7 विकेट से मात देकर फाइनल में पहुंची टीम इंडिया
नई दिल्ली: अंकतालिका में पहले स्थान पर काबिज भारतीय महिला क्रिकेट टीम एशिया में शनिवार (9 जून) को पाकिस्तान को 7 विकेट से मात देकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. दोनों टीमें किनरारा अकादमी ओवल मैदान पर आमने-सामने थी. भारत और पाकिस्तान दोनों के पास पहले से छह-छह अंक थे और पहले दो स्थान पर यही टीमें ही थीं. हालांकि, भारत नेट रन रेट के मामले में पाकिस्तान से बेहतर है और इसी कारण पहले स्थान पर है. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम की नजरें सातवें एशिया कप खिताब पर हैं.
पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 7 विकेट ने नुकसान पर 72 रन बनाए. भारतीय गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी के सामने पाकिस्तानी टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई. भारत ने 23 गेंदें शेष रहते 16.1 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 75 रन बनाकर इस मैच को जीत लिया.
मैच में एकता बिष्ट ने शानदार गेंदबाजी का नमूना पेश करते हुए 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट हासिल किए. वहीं, बल्लेबाजी में स्मृति मंधाना ने 40 गेंदों में 38 रनों की शानदार पारी खेली.
बता दें कि भारत ने अपने पिछले मैच में गुरुवार को श्रीलंका को एक तरफा मुकाबले में मात दी थी और इस बड़ी जीत से उसका आत्मविश्वास काफी बढ़ा. हालांकि, इससे पहले मैच में भारत को बांग्लादेश के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद भारत ने शानदार वापसी की है.
इस मैच में जीत हासिल करके टीम इंडिया ने सीधे फाइनल का टिकट कटा लिया है. हारने वाली टीम पाकिस्तान को बांग्लादेश और मेजबान मलेशिया के बीच होने वाले मैच के परिणाम पर निर्भर रहना होगा.
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पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 7 विकेट ने नुकसान पर 72 रन बनाए. भारतीय गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी के सामने पाकिस्तानी टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई. भारत ने 23 गेंदें शेष रहते 16.1 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 75 रन बनाकर इस मैच को जीत लिया.
मैच में एकता बिष्ट ने शानदार गेंदबाजी का नमूना पेश करते हुए 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट हासिल किए. वहीं, बल्लेबाजी में स्मृति मंधाना ने 40 गेंदों में 38 रनों की शानदार पारी खेली.
बता दें कि भारत ने अपने पिछले मैच में गुरुवार को श्रीलंका को एक तरफा मुकाबले में मात दी थी और इस बड़ी जीत से उसका आत्मविश्वास काफी बढ़ा. हालांकि, इससे पहले मैच में भारत को बांग्लादेश के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद भारत ने शानदार वापसी की है.
इस मैच में जीत हासिल करके टीम इंडिया ने सीधे फाइनल का टिकट कटा लिया है. हारने वाली टीम पाकिस्तान को बांग्लादेश और मेजबान मलेशिया के बीच होने वाले मैच के परिणाम पर निर्भर रहना होगा.
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Thursday 7 June 2018
LoC के पास सेना के गश्ती दल पर आतंकियों की फायरिंग, 2 दिन के J&K दौरे पर हैं राजनाथ सिंह
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के निकट सेना के एक गश्ती दल पर गुरुवार (7 जून) को आतंकियों ने हमला किया जिसमें दो सैनिक घायल हो गए. रक्षा प्रवक्ता ने यहां बताया, ‘‘केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास बाड़ से थोड़ा पहले आतंकियों ने गश्त कर रहे जवानों पर गोलीबारी की.’’ उन्होंने बताया कि गोलीबारी में दो जवान घायल हुए हैं. जवानों ने जवाबी गोलीबारी की. अंतिम रिपोर्ट आने तक अभियान जारी था. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सुरक्षा हालात का जायजा लेने राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं. वह 8 जून की सुबह कुपवाड़ा जिले का दौरा करेंगे.
इससे पहले बीते 6 जून को सेना ने जम्मू कश्मीर के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर तीन आतंकवादियों को मार गिराने के साथ ही घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया था. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सैनिकों ने कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद घुसपैठियों को ललकारा. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए.
महबूबा ने ट्वीट किया, ‘हम देखते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए संघर्ष विराम काफी राहत लेकर आया है, लेकिन लगता है कि आतंकवादी अपनी हिंसक गतिविधियों को जारी रख रहे हैं और प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि उन्हें अपनी करतूतों की निरर्थकता का जल्द अहसास हो जाएगा.’
कश्मीर में सेना के शिविर पर आतंकवादियों ने फेंके हथगोले
एक अन्य घटनाक्रम में उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा जिले के हज्जन थाने के पास स्थित सेना के एक शिविर पर 5 जून की रात आतंकवादियों ने हथगोले फेंके थे. पुलिस के मुताबिक आतंकवादियों ने रात करीब साढे आठ बजे सेना की 30 राष्ट्रीय राइफल्स के शिविर पर अंडरबैरल ग्रेनेड लांचर के जरिये हथगोले फेंके. आतंकवादियों ने दो तरफ से थाने से सटे शिविर पर हथगोले फेंके. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि हमले का ‘‘असरदार तरीके से’’ जवाब दिया गया. यह आत्मघाती हमला नहीं था.
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इससे पहले बीते 6 जून को सेना ने जम्मू कश्मीर के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर तीन आतंकवादियों को मार गिराने के साथ ही घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया था. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सैनिकों ने कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद घुसपैठियों को ललकारा. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए.
महबूबा ने ट्वीट किया, ‘हम देखते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए संघर्ष विराम काफी राहत लेकर आया है, लेकिन लगता है कि आतंकवादी अपनी हिंसक गतिविधियों को जारी रख रहे हैं और प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि उन्हें अपनी करतूतों की निरर्थकता का जल्द अहसास हो जाएगा.’
कश्मीर में सेना के शिविर पर आतंकवादियों ने फेंके हथगोले
एक अन्य घटनाक्रम में उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा जिले के हज्जन थाने के पास स्थित सेना के एक शिविर पर 5 जून की रात आतंकवादियों ने हथगोले फेंके थे. पुलिस के मुताबिक आतंकवादियों ने रात करीब साढे आठ बजे सेना की 30 राष्ट्रीय राइफल्स के शिविर पर अंडरबैरल ग्रेनेड लांचर के जरिये हथगोले फेंके. आतंकवादियों ने दो तरफ से थाने से सटे शिविर पर हथगोले फेंके. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि हमले का ‘‘असरदार तरीके से’’ जवाब दिया गया. यह आत्मघाती हमला नहीं था.
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Tuesday 5 June 2018
विपक्षी एकता ने BJP के जूनियर पार्टनरों को भी दे दी 'जुबान'
हालिया दौर के उपचुनावों में बीजेपी की करारी शिकस्त के बाद विपक्षी एकता को तो बल मिला ही है लेकिन इसका पॉजिटिव साइड इफेक्ट केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ एनडीए कैंप में भी देखने को मिलने लगा है. दरअसल सत्ता में आने के बाद पिछले चार सालों में बीजेपी के कई सहयोगी दलों ने दबे सुर में अपनी 'उपेक्षा' की बात कही. लेकिन राज्य दर राज्य बीजेपी के चुनावी रथ को मिलती कामयाबी के कारण ये चुप रहने के लिए मजबूर हुए.
अमित शाह और उद्धव ठाकरे की मुलाकात
इन सहयोगियों में पहला मुखर विरोध शिवसेना ने यह कहते हुए किया कि वह अगली बार बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी. नतीजतन हाल में महाराष्ट्र के पालघर और भंडारा-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव में दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ लड़े. इनमें बीजेपी, पालघर में जीती लेकिन भंडारा में हारी. पालघर में शिवसेना दूसरे स्थान पर रही. भंडारा में विपक्षी एकता के कारण बीजेपी हार गई. यानी साफतौर पर बीजेपी के लिए संकेत निकले कि यदि शिवसेना-बीजेपी 2019 में अलग-अलग लड़े एवं कांग्रेस-राकांपा साथ-साथ लड़े तो बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी के बाद लोकसभा सीटों के लिहाज से महाराष्ट्र में सर्वाधिक 48 सीटें हैं.
नीतीश कुमार के बदलते तेवर
इसी कड़ी में बिहार से भी बीजेपी के सहयोगी अलग सुर अख्तियार करते दिख रहे हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने साफतौर पर कह दिया कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश कुमार होंगे. जदयू ने तो बाकायदा राज्य की 40 में 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए 15 सीटें बीजेपी के लिए छोड़ दी. वह 2009 लोकसभा चुनाव के गठबंधन फॉर्मूले के आधार पर बिहार में 'बड़े भाई' की भूमिका में दिखना चाहती है, जबकि पार्टी को 2014 में केवल दो सीटें मिलीं. उधर बीजेपी ने अकेले दम पर 22 सीटें जीतीं और लोजपा की छह और रालोसपा की तीन सीटों के साथ एनडीए का आंकड़ा 31 पहुंचा. अब हाल में 14 लोकसभा और विधानसभा सीटों के उपचुनावों में बीजेपी की हार के बाद नीतीश कुमार ने नोटबंदी को परोक्ष रूप से विफल प्रयास बताया.
Source:-ZEENEWS
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अमित शाह और उद्धव ठाकरे की मुलाकात
इन सहयोगियों में पहला मुखर विरोध शिवसेना ने यह कहते हुए किया कि वह अगली बार बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी. नतीजतन हाल में महाराष्ट्र के पालघर और भंडारा-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव में दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ लड़े. इनमें बीजेपी, पालघर में जीती लेकिन भंडारा में हारी. पालघर में शिवसेना दूसरे स्थान पर रही. भंडारा में विपक्षी एकता के कारण बीजेपी हार गई. यानी साफतौर पर बीजेपी के लिए संकेत निकले कि यदि शिवसेना-बीजेपी 2019 में अलग-अलग लड़े एवं कांग्रेस-राकांपा साथ-साथ लड़े तो बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी के बाद लोकसभा सीटों के लिहाज से महाराष्ट्र में सर्वाधिक 48 सीटें हैं.
नीतीश कुमार के बदलते तेवर
इसी कड़ी में बिहार से भी बीजेपी के सहयोगी अलग सुर अख्तियार करते दिख रहे हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने साफतौर पर कह दिया कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश कुमार होंगे. जदयू ने तो बाकायदा राज्य की 40 में 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए 15 सीटें बीजेपी के लिए छोड़ दी. वह 2009 लोकसभा चुनाव के गठबंधन फॉर्मूले के आधार पर बिहार में 'बड़े भाई' की भूमिका में दिखना चाहती है, जबकि पार्टी को 2014 में केवल दो सीटें मिलीं. उधर बीजेपी ने अकेले दम पर 22 सीटें जीतीं और लोजपा की छह और रालोसपा की तीन सीटों के साथ एनडीए का आंकड़ा 31 पहुंचा. अब हाल में 14 लोकसभा और विधानसभा सीटों के उपचुनावों में बीजेपी की हार के बाद नीतीश कुमार ने नोटबंदी को परोक्ष रूप से विफल प्रयास बताया.
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Monday 4 June 2018
केरल से आने वाले खजूर और आम न खाएं, निपाह वायरस का हो सकता है अटैक
ई दिल्ली: केरल में फैले निपाह वायरस कब कहां पैर पसार ले कुछ कहा नहीं जा सकता है. इसलिए सरकारी एजेंसियां और स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर बनाए हुए हैं. केरल से एक्सपोर्ट होने वाले फलों और सब्जियों को कई देशों में बैन किया जा चुका है. वहीं, अब देशभर में भी अलर्ट है कि केरल से आने वाले खजूर और आम को न खाया जाए. फिलहाल, केरल से देशभर में भेजे जाने वाले फलों की जांच की जा रही है. लेकिन, देश के दूसरे इलाकों में इसको लेकर सतर्कता है. निपाह वायरस के चलते लोग फलों को खरीदने से कतरा रहे हैं. वहीं, पिछले सीजन के मुकाबले आम और खजूर की बिक्री में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है.
सीजनल फल पर खतरा
आज का सीजन शुरू हो चुका है. लेकिन, निपाह वायरस के खतरे को देखते हुए इसकी बिक्री में जोरदार गिरावट देखने को मिली है. रमजान का महीना और सीजन होने के बावजूद लोग इसे खरीदने से बच रहे हैं. केरल के कलूर में PJJ फ्रूट्स के मालिक जयसन के मुताबिक, जब से यह खबर आई है कि चमगादड़ के फल खाने से निपाह वायरस फैल सकता है, तब से बिक्री गिर गई है.
चमगादड़ खाते हैं ये फल
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चमगादड़ की रोजाना डाइट में शामिल फलों में आम, अमरूद और चीकू शामिल हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह उनके पसंदीदा फल हैं. केरल में निपाह वायरस फैलने के बाद से फलों की बिक्री पर असर पड़ा है. निपाह वायरस की खबरों के बाद से ही केरल के आम की बिक्री लगभग बंद हो गई है.
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सीजनल फल पर खतरा
आज का सीजन शुरू हो चुका है. लेकिन, निपाह वायरस के खतरे को देखते हुए इसकी बिक्री में जोरदार गिरावट देखने को मिली है. रमजान का महीना और सीजन होने के बावजूद लोग इसे खरीदने से बच रहे हैं. केरल के कलूर में PJJ फ्रूट्स के मालिक जयसन के मुताबिक, जब से यह खबर आई है कि चमगादड़ के फल खाने से निपाह वायरस फैल सकता है, तब से बिक्री गिर गई है.
चमगादड़ खाते हैं ये फल
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चमगादड़ की रोजाना डाइट में शामिल फलों में आम, अमरूद और चीकू शामिल हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह उनके पसंदीदा फल हैं. केरल में निपाह वायरस फैलने के बाद से फलों की बिक्री पर असर पड़ा है. निपाह वायरस की खबरों के बाद से ही केरल के आम की बिक्री लगभग बंद हो गई है.
Source:-ZEENEWS
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Friday 1 June 2018
इस देश ने 'गॉसिप' रोकने के लिए लिए व्हाट्सअप और फेसबुक के इस्तेमाल पर लगाया टैक्स
लंदन: यूगांडा ने 'गपशप' (गॉसिप) पर अंकुश लगाने और राजस्व उगाहने के उद्देश्य से सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, वाइबर और टिवट्र प्रयोकर्ताओं पर कर लगाने का विवादस्पद फैसला किया है.मीडिया रपटों से यह जानकारी मिली. बीबीसी की गुरुवार देर रात की रपट के मुताबिक, "नए उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक के मुताबिक इन सोशल मीडिया मंचों का प्रयोग करने वाले पर प्रत्येक दिन 200 शिलिंग (0.05 डॉलर) की दर से जुर्माना लगेगा. यह कर एक जुलाई से प्रभावी होगा".सोशल मीडिया कानून में बदलाव के लिए पहल करने वाले देश के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने मार्च में कहा था कि सोशल मीडिया फालतू की बातचीत और अफवाहों (गॉसिप) को बढ़ावा देता है.
वित्तमंत्री माटिया कासैजा को लिखे पत्र में मुसेवेनी ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया से प्राप्त कर से देश में गपशप और अफवाहों (गॉसिपिंग) के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी.इसके साथ ही इससे देश के बढ़ते राष्ट्रीय कर्ज को चुकाने में भी मदद मिलेगी.नए कानून में यह प्रावधान भी किया गया है कि मोबाइल से धन के लेन-देन के कुल योग पर भी एक फीसदी कर देना होगा.यूगांडा में 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के मौके पर राष्ट्रपति मुसेवेनी ने इस पर रोक लगा दी थी और कहा था कि 'ऐसा झूठ को फैलने से रोकने के लिए' किया गया है.
Source:-NDTV
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वित्तमंत्री माटिया कासैजा को लिखे पत्र में मुसेवेनी ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया से प्राप्त कर से देश में गपशप और अफवाहों (गॉसिपिंग) के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी.इसके साथ ही इससे देश के बढ़ते राष्ट्रीय कर्ज को चुकाने में भी मदद मिलेगी.नए कानून में यह प्रावधान भी किया गया है कि मोबाइल से धन के लेन-देन के कुल योग पर भी एक फीसदी कर देना होगा.यूगांडा में 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के मौके पर राष्ट्रपति मुसेवेनी ने इस पर रोक लगा दी थी और कहा था कि 'ऐसा झूठ को फैलने से रोकने के लिए' किया गया है.
Source:-NDTV
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Thursday 31 May 2018
इस तारीख से 'बेकार' हो जाएगा आपका आधार, वर्चुअल आईडी का करना होगा इस्तेमाल
नई दिल्ली: आधार कार्ड की सेफ्टी को मजबूत करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) इसमें कुछ जरूरी बदलाव करे जा रहा है. यूआईडीएआई ने पहले एक जून से वर्चुअल आईडी की शुरुआत करने का फैसला किया था, लेकिन अब इसकी तारीख बढ़ाकर एक जुलाई कर दी गई है. अब सरकार आधार वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल पर जोर देगी. ऐसे में आपका आधार कार्ड 'बेकार' हो जाएगा. हालांकि, बेकार होने का मतलब ये नहीं कि आपका आधार वैलिड नहीं रहेगा. बल्कि इसके इस्तेमाल की शायद ही जरूरत पड़े. क्योंकि, आधार का वर्चुअल आईडी ही हर जगह काम आएगा. लेकिन क्या होती है ये वर्चुअल आईडी? इसका फायदा क्या होगा? आम जनता इसका इस्तेमाल कैसे कर पाएगी? और कैसे ये नई आईडी जेनरेट होगी. इन तमाम सवालों के जवाब हम आपको बताएंगे.
क्या होती है VID?
आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेंपररी नंबर है. यह 16 अंकों का नंबर होता है. अगर इसे आधार का क्लोन कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा. इसमें कुछ ही डिटेल होंगी. UIDAI यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगा. अगर किसी को कहीं अपने आधार की डिटेल देनी है तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है. वर्चुअल आईडी जनरेट करना 1 जून से अनिवार्य हो जाएगा.
कहां से जेनरेट कर सकते हैं VID?
आधार वर्चुअल आईडी को UIDAI के पोर्टल से जेनरेट किया जा सकता है. यह एक डिजिटल आईडी होगी. आधार होल्डर इसे कई बार जनरेट कर सकता है. मौजूदा समय में VID सिर्फ एक दिन के लिए ही वैलिड होती है. इसका मतलब हुआ कि एक दिन बाद आधार होल्डर इस वर्चुअल आधार आईडी को फिर से जेनरेट कर सकता है. इसे सिर्फ UIDAI की वेबसाइट से ही जेनरेट किया जा सकता है.
14546 पर कॉल करने पर भी मोबाइल से लिंक नहीं होगा आधार, ये है कारण
ऐसे जनरेट करें अपनी VID
VID जेनरेट करने के लिए UIDAI के होमपेज पर जाएं
अब अपना आधार नंबर डालें. इसके बाद सिक्योरिटी कोड डालें और SEND OTP पर क्लिक कर दें
जिस मोबाइल नंबर से आपका आधार रजिस्टर्ड होगा, वहीं आपको OTP भेजा जाएगा
OTP डालने के बाद आपको नई VID जनरेट करने का ऑप्शन मिल जाएगा
जब यह जनरेट हो जाएगी तो आपके मोबाइल पर आपकी वर्चुअल आईडी भेज दी जाएगी. यानी 16 अंकों का नंबर आ जाएगा.
वर्चुअल आईडी से क्या होगा?
यह आपको सत्यापन के समय आधार नंबर को साझा नहीं करने का विकल्प देगी
वर्चुअल आईडी से नाम, पता और फोटोग्राफ जैसी कई चीजों का वेरिफिकेशन हो सकेगा
कोई यूजर जितनी चाहे, उतनी वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकेगा
पुरानी आईडी अपने आप कैंसिल हो जाएगी
UIDAI के मुताबिक, अधिकृत एजेंसियों को आधार कार्ड होल्डर की ओर से वर्चुअल आईडी जनरेट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी
Source:-Zeenews
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क्या होती है VID?
आधार वर्चुअल आईडी एक तरह का टेंपररी नंबर है. यह 16 अंकों का नंबर होता है. अगर इसे आधार का क्लोन कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा. इसमें कुछ ही डिटेल होंगी. UIDAI यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगा. अगर किसी को कहीं अपने आधार की डिटेल देनी है तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है. वर्चुअल आईडी जनरेट करना 1 जून से अनिवार्य हो जाएगा.
कहां से जेनरेट कर सकते हैं VID?
आधार वर्चुअल आईडी को UIDAI के पोर्टल से जेनरेट किया जा सकता है. यह एक डिजिटल आईडी होगी. आधार होल्डर इसे कई बार जनरेट कर सकता है. मौजूदा समय में VID सिर्फ एक दिन के लिए ही वैलिड होती है. इसका मतलब हुआ कि एक दिन बाद आधार होल्डर इस वर्चुअल आधार आईडी को फिर से जेनरेट कर सकता है. इसे सिर्फ UIDAI की वेबसाइट से ही जेनरेट किया जा सकता है.
14546 पर कॉल करने पर भी मोबाइल से लिंक नहीं होगा आधार, ये है कारण
ऐसे जनरेट करें अपनी VID
VID जेनरेट करने के लिए UIDAI के होमपेज पर जाएं
अब अपना आधार नंबर डालें. इसके बाद सिक्योरिटी कोड डालें और SEND OTP पर क्लिक कर दें
जिस मोबाइल नंबर से आपका आधार रजिस्टर्ड होगा, वहीं आपको OTP भेजा जाएगा
OTP डालने के बाद आपको नई VID जनरेट करने का ऑप्शन मिल जाएगा
जब यह जनरेट हो जाएगी तो आपके मोबाइल पर आपकी वर्चुअल आईडी भेज दी जाएगी. यानी 16 अंकों का नंबर आ जाएगा.
वर्चुअल आईडी से क्या होगा?
यह आपको सत्यापन के समय आधार नंबर को साझा नहीं करने का विकल्प देगी
वर्चुअल आईडी से नाम, पता और फोटोग्राफ जैसी कई चीजों का वेरिफिकेशन हो सकेगा
कोई यूजर जितनी चाहे, उतनी वर्चुअल आईडी जनरेट कर सकेगा
पुरानी आईडी अपने आप कैंसिल हो जाएगी
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11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे LIVE, सपा ने भाजपा से छीनी नूरपुर सीट
नई दिल्ली : देशभर के अलग-अलग राज्यों के 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव और कर्नाटक के आरआर नगर सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस को अच्छी कामयाबी मिलती दिख रही है. पहले महाराष्ट्र के पलुस कडेगांव से कांग्रेस उम्मीदवार निर्विरोध जीत गए. इसके बाद मेघालय में कांग्रेस उम्मीदवार ने एनपीपी उम्मीदवार को हरा दिया. यहां अंपाती से कांग्रेस के मुकुल संगमा की बेटी मियानी डि शीरा विजयी रहीं. मेघालय की ये सीट मुकुल संगमा ने ही छोड़ी थी.
इधर, यूपी में कैराना के बाद भाजपा को नूरपुर में भी निराशा हाथ लगी. समाजवादी पार्टी के नईम उल हसन ने भाजपा की अवनी सिंह को छह हजार वोट से हरा दिया. सबसे पहला नतीजा महाराष्ट्र के पलुस कडेगांव से आया. यहां से भाजपा के उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया था. इस कारण यहां कांग्रेस उम्मीदवार को विजयी घोषित किया गया. बाकी सीटों पर भाजपा गठबंधन और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है. वहीं कर्नाटक की आरअार नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने निर्णायक बढ़त ले ली है.
सभी 11 विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती के सारे अपडेट्स नीचे पढ़ें-:
12:55 PM :कर्नाटक की राजराजेश्वरी नगर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार मुनिरत्ना ने 41162 वोट से जीत हासिल की.
12:40 PM : बिहार की जोकीहाट विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार शाहनवाज ने जेडीयू के उम्मीदवार मुर्शिद आलम को 41 हजार से ज्यादा वोट से हराया.
12:38 PM : यूपी में नूरपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नईमउल हसन ने भाजपा उम्मीदवार अवनी सिंह को 6 हजार से ज्यादा वोट से हरा दिया.
12:25 PM : केरल की चेंगान्नूर विधानसभा सीट पर सीपीएम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पर 20956 वोट की बढ़त बना ली है.
12:10 PM : पंजाब की शाहकोट विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार 27 हजार से ज्यादा वोट से आगे चल रहे हैं.
नूरपुर (यूपी)- इस सीट पर 10 उम्मीदवार हैं, लेकिन बीजेपी के अवनी सिंह और सपा के नईम-उल-हसन के बीच कांटे की टक्कर है. सपा के नईम उल हसन पीछे चल रहे हैं.
जोकीहाट (बिहार)- जोकीहाट विधानसभा से कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला आरजेडी के शाहनवाज आलम और जेडीयू के मुर्शीद आलम के बीच है. जेडीयू विधायक सरफराज आलम ने इस सीट से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दामन थाम लिया था और उनके आरजेडी के टिकट पर अररिया के सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी.
थराली (उत्तराखंड)- इस सीट पर हुए उपचुनाव में 53.43 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. बीजेपी की मुन्नी देवी और कांग्रेस के पूर्व विधायक जीतराम के बीच मुकाबला है. चमोली जिले की थराली विधानसभा सीट बीजेपी विधायक मगन लाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थी.
राजराजेश्वरी नगर (कर्नाटक)- राजराजेश्वरी नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस से मुनीरत्ना, बीजेपी के मुनिराजू गौड़ा और जीएस रामचंद्र के बीच मुकाबला है. राजाराजेश्वरी नगर सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान फर्जी मतपत्र मिलने की शिकायत के कारण मतदान रद्द हो गया था.
शाहकोट (पंजाब)- कांग्रेस के हरदेव सिंह लाडी, अकाली दल के नायब सिंह कोहाड़ और आम आदमी पार्टी के रतन सिंह कक्कड़ कलां के बीच कांटे की लड़ाई है. आकाली दल के विधायक कोहाड़ का निधन हो जाने के चलते यहां उपचुनाव कराए गए हैं.
महेश्तला (पश्चिम बंगाल)- टीएमसी के दुलाल दास, बीजेपी ने सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक सुजीत घोष और वाम मोर्चे की ओर प्रभात चौधरी मैदान में है. ये सीट टीएसपी के विधायक कस्तूरी दास के निधन के चलते रिक्त हुई है. महेश्तला में तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और वाम मोर्चे के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
गोमिया (झारखंड)- इस सीट पर 62.61 वोटिंग हुई है. यहां 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. यहां आजसू से लंबोदर महतो और झारखंड मुक्ति मोर्चा से बबिता देवी मैदान में हैं. गोमिया से विधायक योगेन्द्र प्रसाद को कोयला चोरी में दोषी पाया गया था. जिसमें अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी. इसी वजह से उपचुनाव हुए थे.
सिल्ली (झारखंड)- यहां 75.5 फीसदी वोटिंग हुई है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला पूर्व उप मुख्यमंत्री और एजेएसयू अध्यक्ष सुदेश महतो और सीमा महतो के बीच है. सिल्ली विधायक अमित महतो को सीओ के साथ मारपीट के मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें 2 साल के कारावास की सजा सुनाई गयी थी. इसी के चलते उपचुनाव हुए थे.
चेंगन्नुर (केरल)- सीपीएम के एस चेरियां, कांग्रेस के डी विजय कुमार और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई के बीच मुकाबला है. सीपीएम विधायक के के रामचंद्र के निधन की वजह से उपचुनाव हुए थे.
अंपाती (मेघालय)- अंपाती में 90.42 फीसद वोटिंग हुई. कांग्रेस की मियानी डी शिरा और मेघालय डेमोक्रेटिक गठबंधन के क्लेमेंट जी मोमिन के बीच मुकाबला है. मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के इस सीट को छोड़ने के कारण यहां उपचुनाव कराये गए.
Source:-Zeenews
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इधर, यूपी में कैराना के बाद भाजपा को नूरपुर में भी निराशा हाथ लगी. समाजवादी पार्टी के नईम उल हसन ने भाजपा की अवनी सिंह को छह हजार वोट से हरा दिया. सबसे पहला नतीजा महाराष्ट्र के पलुस कडेगांव से आया. यहां से भाजपा के उम्मीदवार ने अपना नाम वापस ले लिया था. इस कारण यहां कांग्रेस उम्मीदवार को विजयी घोषित किया गया. बाकी सीटों पर भाजपा गठबंधन और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है. वहीं कर्नाटक की आरअार नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने निर्णायक बढ़त ले ली है.
सभी 11 विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती के सारे अपडेट्स नीचे पढ़ें-:
12:55 PM :कर्नाटक की राजराजेश्वरी नगर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार मुनिरत्ना ने 41162 वोट से जीत हासिल की.
12:40 PM : बिहार की जोकीहाट विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार शाहनवाज ने जेडीयू के उम्मीदवार मुर्शिद आलम को 41 हजार से ज्यादा वोट से हराया.
12:38 PM : यूपी में नूरपुर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नईमउल हसन ने भाजपा उम्मीदवार अवनी सिंह को 6 हजार से ज्यादा वोट से हरा दिया.
12:25 PM : केरल की चेंगान्नूर विधानसभा सीट पर सीपीएम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पर 20956 वोट की बढ़त बना ली है.
12:10 PM : पंजाब की शाहकोट विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार 27 हजार से ज्यादा वोट से आगे चल रहे हैं.
नूरपुर (यूपी)- इस सीट पर 10 उम्मीदवार हैं, लेकिन बीजेपी के अवनी सिंह और सपा के नईम-उल-हसन के बीच कांटे की टक्कर है. सपा के नईम उल हसन पीछे चल रहे हैं.
जोकीहाट (बिहार)- जोकीहाट विधानसभा से कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला आरजेडी के शाहनवाज आलम और जेडीयू के मुर्शीद आलम के बीच है. जेडीयू विधायक सरफराज आलम ने इस सीट से इस्तीफा देकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दामन थाम लिया था और उनके आरजेडी के टिकट पर अररिया के सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी.
थराली (उत्तराखंड)- इस सीट पर हुए उपचुनाव में 53.43 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. बीजेपी की मुन्नी देवी और कांग्रेस के पूर्व विधायक जीतराम के बीच मुकाबला है. चमोली जिले की थराली विधानसभा सीट बीजेपी विधायक मगन लाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थी.
राजराजेश्वरी नगर (कर्नाटक)- राजराजेश्वरी नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस से मुनीरत्ना, बीजेपी के मुनिराजू गौड़ा और जीएस रामचंद्र के बीच मुकाबला है. राजाराजेश्वरी नगर सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान फर्जी मतपत्र मिलने की शिकायत के कारण मतदान रद्द हो गया था.
शाहकोट (पंजाब)- कांग्रेस के हरदेव सिंह लाडी, अकाली दल के नायब सिंह कोहाड़ और आम आदमी पार्टी के रतन सिंह कक्कड़ कलां के बीच कांटे की लड़ाई है. आकाली दल के विधायक कोहाड़ का निधन हो जाने के चलते यहां उपचुनाव कराए गए हैं.
महेश्तला (पश्चिम बंगाल)- टीएमसी के दुलाल दास, बीजेपी ने सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक सुजीत घोष और वाम मोर्चे की ओर प्रभात चौधरी मैदान में है. ये सीट टीएसपी के विधायक कस्तूरी दास के निधन के चलते रिक्त हुई है. महेश्तला में तृणमूल कांग्रेस, भाजपा और वाम मोर्चे के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
गोमिया (झारखंड)- इस सीट पर 62.61 वोटिंग हुई है. यहां 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. यहां आजसू से लंबोदर महतो और झारखंड मुक्ति मोर्चा से बबिता देवी मैदान में हैं. गोमिया से विधायक योगेन्द्र प्रसाद को कोयला चोरी में दोषी पाया गया था. जिसमें अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी. इसी वजह से उपचुनाव हुए थे.
सिल्ली (झारखंड)- यहां 75.5 फीसदी वोटिंग हुई है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला पूर्व उप मुख्यमंत्री और एजेएसयू अध्यक्ष सुदेश महतो और सीमा महतो के बीच है. सिल्ली विधायक अमित महतो को सीओ के साथ मारपीट के मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें 2 साल के कारावास की सजा सुनाई गयी थी. इसी के चलते उपचुनाव हुए थे.
चेंगन्नुर (केरल)- सीपीएम के एस चेरियां, कांग्रेस के डी विजय कुमार और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई के बीच मुकाबला है. सीपीएम विधायक के के रामचंद्र के निधन की वजह से उपचुनाव हुए थे.
अंपाती (मेघालय)- अंपाती में 90.42 फीसद वोटिंग हुई. कांग्रेस की मियानी डी शिरा और मेघालय डेमोक्रेटिक गठबंधन के क्लेमेंट जी मोमिन के बीच मुकाबला है. मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के इस सीट को छोड़ने के कारण यहां उपचुनाव कराये गए.
Source:-Zeenews
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Friday 25 May 2018
कर्नाटक LIVE : थोड़ी देर में कुमारस्वामी साबित करेंगे बहुमत, कांग्रेस के रमेश कुमार बने स्पीकर
बेंगलुरु : कर्नाटक में सियासी गठजोड़ और हंगामे के बाद सीएम बने एचडी कुमारस्वामी आज विधानसभा में बहुमत साबित करने वाले हैं. स्वामी के फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा के तौर पर कांग्रेस के रमेश कुमार को चुना गया. रमेश कुमार श्रीनिवासपुर से विधायक हैं. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने रमेश कुमार के निर्विरोध स्पीकर चुने जाने पर विपक्ष को भी धन्यवाद कहा.
जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार के फ्लोर टेस्ट के लिए बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा भी विधानसभा में मौजूद हैं.
शक्ति परीक्षण से पहले ही येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि इससे पहले चुनावी नतीजे आने के बाद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा किया था. बीजेपी के बी. एस. येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन सदन में विश्वास मत हासिल करने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी. शपथ लेने के बाद कुमारस्वामी ने विश्वास मत हासिल किये जाने के बारे में विश्वास जताया था.
डी.के. शिवकुमार चल रहे हैं नाराज
हालांकि कुमारस्वामी के विश्वास मत हासिल करने की संभावना है और उनके लिए मंत्रिमंडल का विस्तार मुश्किल साबित होने वाला है. ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार उपमुख्यमंत्री पद के लिए उनकी अनदेखी किये जाने से खुश नहीं है. पार्टी ने दलित चेहरा जी. परमेश्वर को उपमुख्यमंत्री बनाया है. शिवकुमार ने कहा था, ‘‘क्या यह उन लोगों के लिए एक समान है जो एक सीट जीतते है और या जो राज्य जीतते है. मैं संन्यास लेने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं. मैं शतरंज खेलूंगा फुटबॉल नहीं.’’
Source:-Zeenews
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जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार के फ्लोर टेस्ट के लिए बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा भी विधानसभा में मौजूद हैं.
शक्ति परीक्षण से पहले ही येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि इससे पहले चुनावी नतीजे आने के बाद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा किया था. बीजेपी के बी. एस. येदियुरप्पा ने 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन सदन में विश्वास मत हासिल करने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी. शपथ लेने के बाद कुमारस्वामी ने विश्वास मत हासिल किये जाने के बारे में विश्वास जताया था.
डी.के. शिवकुमार चल रहे हैं नाराज
हालांकि कुमारस्वामी के विश्वास मत हासिल करने की संभावना है और उनके लिए मंत्रिमंडल का विस्तार मुश्किल साबित होने वाला है. ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार उपमुख्यमंत्री पद के लिए उनकी अनदेखी किये जाने से खुश नहीं है. पार्टी ने दलित चेहरा जी. परमेश्वर को उपमुख्यमंत्री बनाया है. शिवकुमार ने कहा था, ‘‘क्या यह उन लोगों के लिए एक समान है जो एक सीट जीतते है और या जो राज्य जीतते है. मैं संन्यास लेने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं. मैं शतरंज खेलूंगा फुटबॉल नहीं.’’
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Wednesday 23 May 2018
उद्धव ठाकरे ने PM मोदी के विदेशी टूर पर कसा तंज तो CM योगी ने कह दी बड़ी बात
मुंबई: देश की आर्थिक मुंबई में दो राजनीतिक दोस्तों के बीच तल्खी देखने को मिली. हालांकि दोनों अलग-अलग जनसभाओं को संबोधित कर रहे थे, लेकिन एक-दूसरे के दलों पर हमलावर रहे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री केवल चुनावों के दौरान देश में रहते हैं और चुनाव खत्म होते ही देश छोड़कर चले जाते हैं. वहीं मुंबई की एक दूसरी जनसभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए कहा कि शिवसेना ने बीजेपी के पीठी में खंजर घोंपा है.
उद्धव ठाकरे ने 28 मई को होने वाले पालघर लोकसभा उपचुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार श्रीनिवास वनगा के समर्थन में वसई में एक रैली की. रैली में कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री विदेश की यात्रा करते रहते हैं और वे (बीजेपी) कहते हैं कि देश बदल रहा है. वह केवल चुनाव के समय लौटते हैं. लेकिन एक बार चुनाव खत्म हो जाने पर वह फिर बाहर चले जाते हैं.’
योगी ने यहां पालघर लोकसभा उपचुनाव के लिए 28 मई को होने वाले मतदान के लिए एक प्रचार रैली में बीजेपी से नाराज चल रहे सहयोगी दल शिवसेना पर निशाना साधा. उन्होंने शिवसेना पर उपचुनाव में पूर्व सांसद दिवंगत चिंतामन वनगा के बेटे को खड़ा करके भगवा दल के आंतरिक मामलों में ‘‘टांग अड़ाने’’ का भी आरोप लगाया.
योगी ने कहा, ‘जिस तरीके से इस पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर बीजेपी की पीठ पर खंजर घोंपा है उससे मैं कह सकता हूं कि दिवंगत बाल ठाकरे की आत्मा को गहरा दुख पहुंचा होगा.’
उन्होंने कहा, ‘यह उपचुनाव सरकार की स्थिरता पर असर नहीं डालेगा लेकिन इससे यह संदेश जरुर जाएगा कि भारत केवल मोदी के नेतृत्व में ही प्रगति कर सकता है.’
उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब कुछ घंटे पहले बेंगलुरू में जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने एक भव्य समारोह में कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. योगी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की गई है.
Source:-Zeenews
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उद्धव ठाकरे ने 28 मई को होने वाले पालघर लोकसभा उपचुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार श्रीनिवास वनगा के समर्थन में वसई में एक रैली की. रैली में कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री विदेश की यात्रा करते रहते हैं और वे (बीजेपी) कहते हैं कि देश बदल रहा है. वह केवल चुनाव के समय लौटते हैं. लेकिन एक बार चुनाव खत्म हो जाने पर वह फिर बाहर चले जाते हैं.’
योगी ने यहां पालघर लोकसभा उपचुनाव के लिए 28 मई को होने वाले मतदान के लिए एक प्रचार रैली में बीजेपी से नाराज चल रहे सहयोगी दल शिवसेना पर निशाना साधा. उन्होंने शिवसेना पर उपचुनाव में पूर्व सांसद दिवंगत चिंतामन वनगा के बेटे को खड़ा करके भगवा दल के आंतरिक मामलों में ‘‘टांग अड़ाने’’ का भी आरोप लगाया.
योगी ने कहा, ‘जिस तरीके से इस पार्टी ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर बीजेपी की पीठ पर खंजर घोंपा है उससे मैं कह सकता हूं कि दिवंगत बाल ठाकरे की आत्मा को गहरा दुख पहुंचा होगा.’
उन्होंने कहा, ‘यह उपचुनाव सरकार की स्थिरता पर असर नहीं डालेगा लेकिन इससे यह संदेश जरुर जाएगा कि भारत केवल मोदी के नेतृत्व में ही प्रगति कर सकता है.’
उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब कुछ घंटे पहले बेंगलुरू में जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने एक भव्य समारोह में कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. योगी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की गई है.
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Friday 18 May 2018
कर्नाटक में आज बीजेपी की अग्निपरीक्षा, जानिए कैसे होगा फ्लोर टेस्ट
बेंगलुरु : कर्नाटक में सत्ता संग्राम का संभवत: आज (19 मई) आखिरी दिन है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शाम 4 बजे सीएम येदियुरप्पा बहुमत साबित करेंगे. शुक्रवार (18 मई) को सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस ने दावा किया है कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास 116 सीटें हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस ने यह भी दावा किया है कि बीजेपी के 104 विधायक हैं. विधानसभा में बीजेपी और येदियुरप्पा के फ्लोर टेस्ट से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिरकार यह होता क्या है और कैसे साबित किया जाता है. फ्लोर टेस्ट या बहुमत 3 तरह से साबित होता है. पहला ध्वनिमत, दूसरा संख्याबल और तीसरा हस्ताक्षर में किया गया विधायकों का मतदान.
इन तरीकों से साबित होता है बहुमत
1.ध्वनिमत.
2.हेड काउंट या संख्याबल : जब विधायक सदन में खड़े होकर अपना बहुमत दर्शाते हैं.
3.लॉबी डिवीजन : यह तरीका सबसे पुख्ता माना जाता है. इसमें विधानसभा सदस्य लॉबी में आते हैं और रजिस्टर में हस्ताक्षर करते हैं. -हां' के लिए अलग लॉबी और 'न' के लिए अलग लॉबी होती है.
कर्नाटक विधानसभा की पार्टियों की स्थिति
सदस्य - 224 (अभी 3 सीटों पर चुनाव बाकी है)
बीजेपी - 104
कांग्रेस - 78
जेडीएस - 38
अन्य - 02
बहुमत का आंकड़ा - 112
क्या होता है विश्वास मत ?
सत्ताधारी दल को बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत विधानसभा या लोकसभा में पेश किया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी ने दो बार लोकभा में विश्वास मत हासिल करने का प्रयास किया था. 1996 में हालांकि उन्होंने वोटिंग से पहले इस्तीफा दे दिया था जबकि 1998 में वह एक वोट से विश्वास मत नहीं हासिल कर पाए थे. उनकी सरकार गिर गई थी. उस दौरान वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा और आईके गुजराल की सरकार भी विश्वास मत नहीं हासिल कर पाई थी.
यह भी पढ़ें : येदियुरप्पा सरकार को SC से झटका, कर्नाटक विधानसभा में एंग्लो-इंडियन MLA के मनोनयन पर रोक
कई राज्यों में आया था विश्वास मत प्रस्ताव
बिहार, गोवा और उत्तराखंड में राज्य सरकारों को हाल में विश्वास मत हासिल करने की नौबत आई थी. बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने आसानी से विश्वास मत जीता था. मणिपुर में 2017 में बीजेपी की एन बीरेन सिंह सरकार ने ध्वनिमत से यह प्रस्ताव जीता था. उत्तराखंड में भी 2016 में यह स्थिति बनी थी, जब हरीश रावत सरकार ने फ्लोर टेस्ट आसानी से पास किया था.
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इन तरीकों से साबित होता है बहुमत
1.ध्वनिमत.
2.हेड काउंट या संख्याबल : जब विधायक सदन में खड़े होकर अपना बहुमत दर्शाते हैं.
3.लॉबी डिवीजन : यह तरीका सबसे पुख्ता माना जाता है. इसमें विधानसभा सदस्य लॉबी में आते हैं और रजिस्टर में हस्ताक्षर करते हैं. -हां' के लिए अलग लॉबी और 'न' के लिए अलग लॉबी होती है.
कर्नाटक विधानसभा की पार्टियों की स्थिति
सदस्य - 224 (अभी 3 सीटों पर चुनाव बाकी है)
बीजेपी - 104
कांग्रेस - 78
जेडीएस - 38
अन्य - 02
बहुमत का आंकड़ा - 112
क्या होता है विश्वास मत ?
सत्ताधारी दल को बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत विधानसभा या लोकसभा में पेश किया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी ने दो बार लोकभा में विश्वास मत हासिल करने का प्रयास किया था. 1996 में हालांकि उन्होंने वोटिंग से पहले इस्तीफा दे दिया था जबकि 1998 में वह एक वोट से विश्वास मत नहीं हासिल कर पाए थे. उनकी सरकार गिर गई थी. उस दौरान वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा और आईके गुजराल की सरकार भी विश्वास मत नहीं हासिल कर पाई थी.
यह भी पढ़ें : येदियुरप्पा सरकार को SC से झटका, कर्नाटक विधानसभा में एंग्लो-इंडियन MLA के मनोनयन पर रोक
कई राज्यों में आया था विश्वास मत प्रस्ताव
बिहार, गोवा और उत्तराखंड में राज्य सरकारों को हाल में विश्वास मत हासिल करने की नौबत आई थी. बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने आसानी से विश्वास मत जीता था. मणिपुर में 2017 में बीजेपी की एन बीरेन सिंह सरकार ने ध्वनिमत से यह प्रस्ताव जीता था. उत्तराखंड में भी 2016 में यह स्थिति बनी थी, जब हरीश रावत सरकार ने फ्लोर टेस्ट आसानी से पास किया था.
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Monday 23 April 2018
रघुराम राजन फिर बन सकते हैं गवर्नर, इस बार यहां होंगे बैंक के प्रमुख
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन एक बार फिर किसी केंद्रीय बैंक के शीर्ष पद पर अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं. ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) के प्रमुख पद के संभावित दावेदार के तौर पर राजन का नाम आया है. राजन दुनिया के जाने-माने इकोनॉमिस्ट में शामिल हैं और इस पद के लिए उनकी दावेदारी मजबूत है. रिपोर्ट के मुताबिक, मेक्सिको के केंद्रीय बैंक के प्रमुख व बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के नए महाप्रबंधक ऑस्टिन कार्स्टन्स के बजाए शिकागो के अति सम्मानित अर्थशास्त्री और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को आकृष्ट करना एक अप्रत्याशित कदम होगा. बता दें कि बैंक ऑफ इंग्लैंड ब्रिटेन का सेंट्रल बैंक है. अभी कनाडा के मार्क कार्ने इसके गवर्नर हैं.
अर्थशास्त्रियों के बीच दौड़
ब्रिटेन का ट्रेजरी डिपार्टमेंट इस पद के लिए जाने-माने अर्थशास्त्रियों की खोज में जुटा है. इस पद को भरने के लिए जल्द आधिकारिक ऐलान भी हो सकता है. आईएमएफ की बैठक के दौरान चांसलर हैमंड ने कहा कि गवर्नर के लिए उनकी खोज शुरू हो चुकी है और जुलाई में इस पोस्ट के लिए विज्ञापन निकाला जा सकता है.
आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं राजन
राजन इस समय शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं. वह सिंतबर 2013 से लेकर सिंतबर 2016 तक आरबीआई के गवर्नर थे. वह आईएमएफ के पश्चिमी देशों से बाहर से आने वाले और सबसे कम उम्र के पहले मुख्य अर्थशास्त्री व अनुसंधान निदेशक रहे हैं. राजन बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के वाइस चेयरमैन के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
कौन हैं रघुराम राजन?
राजन का जन्म मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक तमिल ब्राह्मण फैमिली में हुआ था.
दिल्ली के आरकेपुरम स्थित डीपीएस स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की.
बाद में 1985 में आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया.
1987 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री ली.
राजन ने 1991 में एमआईटी यूनिवर्सिटी से 'एसेज ऑन बैंकिंग' में पीएचडी की.
उन्होंने 4 सितंबर 2013 को यूपीए-2 के कार्यकाल में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था.
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अर्थशास्त्रियों के बीच दौड़
ब्रिटेन का ट्रेजरी डिपार्टमेंट इस पद के लिए जाने-माने अर्थशास्त्रियों की खोज में जुटा है. इस पद को भरने के लिए जल्द आधिकारिक ऐलान भी हो सकता है. आईएमएफ की बैठक के दौरान चांसलर हैमंड ने कहा कि गवर्नर के लिए उनकी खोज शुरू हो चुकी है और जुलाई में इस पोस्ट के लिए विज्ञापन निकाला जा सकता है.
आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं राजन
राजन इस समय शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं. वह सिंतबर 2013 से लेकर सिंतबर 2016 तक आरबीआई के गवर्नर थे. वह आईएमएफ के पश्चिमी देशों से बाहर से आने वाले और सबसे कम उम्र के पहले मुख्य अर्थशास्त्री व अनुसंधान निदेशक रहे हैं. राजन बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के वाइस चेयरमैन के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
कौन हैं रघुराम राजन?
राजन का जन्म मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक तमिल ब्राह्मण फैमिली में हुआ था.
दिल्ली के आरकेपुरम स्थित डीपीएस स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की.
बाद में 1985 में आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया.
1987 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री ली.
राजन ने 1991 में एमआईटी यूनिवर्सिटी से 'एसेज ऑन बैंकिंग' में पीएचडी की.
उन्होंने 4 सितंबर 2013 को यूपीए-2 के कार्यकाल में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था.
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अयोध्या: बहुत जल्द शुरू होगा भव्य राम मंदिर का निर्माण: VHP प्रमुख कोकजे
अयोध्या: विश्व हिंदू परिषद के नव निर्वाचित अध्यक्ष और पूर्व राज्यपाल विष्णु सदाशिव कोकजे अपने पदाधिकारियों के साथ रामलला के दर्शन किए. दर्शन और पूजन कार्यक्रम के बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित किया. मीडिया से बात करते हुए विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष कोकजे ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, यह सपना अशोक सिंघल और दूसरे लोगों ने देखा था. राम मंदिर के निर्माण का जो लोग सपना देख रहे थे उनका सपना बहुत जल्द सच होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट हमारे पक्ष में फैसला सुनाएगा. कोर्ट का फैसला आते ही यहां पर मंदिर का निर्माण काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए जो कुछ भी जरूरी है वो करना चाहिए, हम इस बात के पक्षधर हैं. राम मंदिर को लेकर कोर्ट का क्या फैसला आ सकता है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास पूरा अधिकार है कि वह पुराने फैसले पलट दे. बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित राम जन्मभूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटकर तीनों पक्षकारों को दिए जाने का फैसला सुनाया था.
शाम को संघ के साथ बैठक
रामलला के दर्शन के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसके बाद वे अयोध्या के संतों से मुलाकात करेंगे और उनका आशीर्वाद लेंगे. शाम 6 बजे वे संघ के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे. हिंदू परिषद प्रमुख के साथ कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार, उपाध्यक्ष चम्पत राय, संगठन महामंत्री विनायक राव देश पांडे, प्रबंधन समिति सदस्य दिनेश चंद्र, पुरुषोत्तम नारायण सिंह, केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीष सिंह भी मौजूद हैं. वे रात को वाराणसी या दिल्ली में ठहर में सकते हैं.
Source:-Zeenews
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शाम को संघ के साथ बैठक
रामलला के दर्शन के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसके बाद वे अयोध्या के संतों से मुलाकात करेंगे और उनका आशीर्वाद लेंगे. शाम 6 बजे वे संघ के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे. हिंदू परिषद प्रमुख के साथ कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार, उपाध्यक्ष चम्पत राय, संगठन महामंत्री विनायक राव देश पांडे, प्रबंधन समिति सदस्य दिनेश चंद्र, पुरुषोत्तम नारायण सिंह, केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अम्बरीष सिंह भी मौजूद हैं. वे रात को वाराणसी या दिल्ली में ठहर में सकते हैं.
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Friday 20 April 2018
आगरा: वीरता पुरस्कार से सम्मानित SPO पर दबंगों ने किया जानलेवा हमला
नई दिल्ली/आगरा: शौर्य और वीरता के लिए देश में अपना नाम रोशन करने वाली आगरा की स्पेशल पुलिस ऑफिसर नाजिया खान के साथ दबंगों ने मारपीट की. नाजिया के साथ ये मारपीट की घटना उस वक्त हुई जब कि वो जिले के ताजगंज थाना क्षेत्र में पूर्वी गेट के पास भूमि विवाद से जुड़े मामले का निरीक्षण करने पहुंची थीं. घटना में घायल हुई नाजिया ने तत्काल जिले के ताजगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई. जानकारी के मुताबिक, वो अपने चाचा की जमीन पर दूसरे पक्ष द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य का विरोध कर रही थी.
पुलिस पर उठाए सवाल
नाजिया खान का आरोप है कि जिस वक्त नाजिया खान पर दबंग हमला कर रहे थे, उसी दौरान डिवीजन चौकी इंचार्ज मौके पर थे और मारपीट होते देखते रहे. नाजिया ने घटना की जानकारी एसपी सिटी को दी.
एसपी सिटी के आदेश के बाद कराया गया मेडिकल
एसपी सिटी आदेश के बाद ताजगंज पुलिस ने नाजिया और उसके भाई का मेडिकल कराया. नाजिया ने जानलेवा हमला, मारपीट, चेन और चार हजार रुपये लूट की तहरीर दी है. एसपी सिटी का कहना है कि मामले में मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है. नाजिया पर हमले के मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
2012 से कोर्ट में है मामला
नाजिया खान के मुताबिक, उसके चाचा ढोलीखार निवासी मुन्ना सादी की ताजमहल के पूर्वी गेट के पास ताजखेमा के सामने एक जमीन है. वो नगर निगम का कर अदा करते हैं. उस जमीन पर कृपाल सिंह वर्मा किरायेदार थे. एग्रीमेंट खत्म होने के बावजूद कृपाल सिंह ने कब्जा नहीं छोड़ रहा है. इसके लिए वो कोर्ट में पहले भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं. मामला साल 2012 से कोर्ट में विचाराधीन है.
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पुलिस पर उठाए सवाल
नाजिया खान का आरोप है कि जिस वक्त नाजिया खान पर दबंग हमला कर रहे थे, उसी दौरान डिवीजन चौकी इंचार्ज मौके पर थे और मारपीट होते देखते रहे. नाजिया ने घटना की जानकारी एसपी सिटी को दी.
एसपी सिटी के आदेश के बाद कराया गया मेडिकल
एसपी सिटी आदेश के बाद ताजगंज पुलिस ने नाजिया और उसके भाई का मेडिकल कराया. नाजिया ने जानलेवा हमला, मारपीट, चेन और चार हजार रुपये लूट की तहरीर दी है. एसपी सिटी का कहना है कि मामले में मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है. नाजिया पर हमले के मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
2012 से कोर्ट में है मामला
नाजिया खान के मुताबिक, उसके चाचा ढोलीखार निवासी मुन्ना सादी की ताजमहल के पूर्वी गेट के पास ताजखेमा के सामने एक जमीन है. वो नगर निगम का कर अदा करते हैं. उस जमीन पर कृपाल सिंह वर्मा किरायेदार थे. एग्रीमेंट खत्म होने के बावजूद कृपाल सिंह ने कब्जा नहीं छोड़ रहा है. इसके लिए वो कोर्ट में पहले भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं. मामला साल 2012 से कोर्ट में विचाराधीन है.
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